अर्धनारीश्वर
एक है शिव, एक है शक्ति,
दोनों का है अलग आयाम,
एक है रुद्र रूप, दूसरा करता सिर्फ कल्याण,
ना भेद इन दोनों में, भेद ना होकर भी भेद है कहलाता,
कहलाते ये अर्द्धनारीश्वर, दोनों का जब मेल होजाता।
Savan and Kawad Yatra, All You Need to Know?
शिव शक्ति,
संसारिक पोषण करने को हुए वो एक हैं,
भीतर समाए वो सबके,
लगते वो जैसे अनेक हो,
मन-त्तृश की कल्पनाओं में झांकोगे तो जानोगे तुम,
हमारा शरीर स्त्री पुरुष का मेल है।
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शिव शक्ति,
उठाते त्रिशूल, आते जब शिव,
करती संसार की रचना, शक्ति का वो स्वरूप है,
मिले दोनों, एक धारा में,
कण कण में संजोते प्राण,
बने अर्द्धनारीश्वर, शरीर का ये मेल है।
शिव शक्ति,
अग्नि के बिना उसकी ऊष्मा है अधूरी,
वायु अधूरी उसके परवाह के बिना,
जल अधूरा शीतलता के बिना,
धरती अधूरी आकाश के बिना
अधूरे शिव, शक्ति के बिना,
जानो अर्द्धनारीश्वर, शिव शक्ति का मेल है।
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-Rakashas